Adani Group Shares: मुंबई : धनी उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप के शेयरों में आज (27 जनवरी) जोरदार बिकवाली जारी रही। कंपनी के बारे में खबर आने से आज के कारोबार में विभिन्न कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई है। कुछ शेयरों में लोअर सर्किट भी लगा है। कुल मिलाकर, फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों पर समग्र भावना को प्रभावित किया है। इससे पहले बुधवार को भी इसमें भारी गिरावट देखने को मिली थी, अडानी समूह की कंपनियों के मार्केट कैप में एक ही दिन में 90,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट आई थी। कुल मिलाकर इससे बाजार को तगड़ा झटका लगा है। हाल ही में इस कंपनी के शेयर खरीदने वाले कई लोगों का पैसा मिट्टी हो गया है।
आज के कारोबार में सबसे ज्यादा गिरावट अदानी टोटल गैस में देखने को मिली है। कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है और यह लोअर सर्किट में प्रवेश कर गया है। अडानी इंटरप्राइजेज में 3 फीसदी, अदानी ग्रीन एनर्जी में 13 फीसदी, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में 4 फीसदी, अदानी पावर लोअर सर्किट में 5 फीसदी, अदानी ट्रांसमिशन में 16 फीसदी और अदानी विल्मर में 5 फीसदी की गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, एसीसी में 5 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट में 7 प्रतिशत और एनडीटीवी में 5 प्रतिशत का लोअर सर्किट था, जिसमें ये समूह कंपनियां शामिल हैं। अदाणी ग्रुप के शेयरों में आज निवेशकों के 2 लाख करोड़ डूब चुके हैं। तो इन कंपनियों के मार्केट कैप में 2 दिन में 2.75 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। (Sell Off In Adani Group Shares Continue As Hindenburg Report Adani Tatal Gas Adani Wilmar Seen Lower Circuit)
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी की कंपनियों के बीच कर्ज को लेकर बेहद अहम सवाल उठाती है। इसके साथ ही अडानी समूह की कंपनियों की वैल्यू भी 85 फीसदी से ज्यादा बताई जा रही है। इसलिए हिंडनबर्ग यूएस-ट्रेडेड बॉन्ड और गैर-भारतीय ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन रखेगा। इसका मतलब है कि वे शॉर्ट टर्म में अडानी के शेयरों से बाहर हो जाएंगे। इससे पहले अगस्त 2022 में फिच ग्रुप की फिक्स्ड इनकम रिसर्च फर्म क्रेडिटसाइट्स ने ग्रुप के कुल कर्ज को लेकर चिंता जताई थी। क्रेडिटसाइट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कर्ज 2.2 लाख करोड़ रुपए था। जो अपेक्षाकृत अधिक था।
रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए अदानी समूह ने कहा कि वह अमेरिकी वित्तीय अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ करने के कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। इसने बड़ी कंपनियों के शेयरों की बिक्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करके बहुत ही ‘लापरवाही’ से काम लिया है। समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग ने बिना किसी शोध और पूरी जानकारी के गलत उद्देश्यों के लिए इस शोध को प्रकाशित किया है। उन्होंने कहा कि इससे अदानी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम है। हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर लिखा कि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाए गए 88 सीधे सवालों में से किसी का भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। कंपनी ने यह भी कहा कि अगर अडाणी समूह इसे लेकर गंभीर है तो उन्हें अमेरिका में मुकदमा दायर करना चाहिए। क्योंकि यह वहां काम करता है। कानूनी प्रक्रिया के दौरान हमारे पास दस्तावेजों की लंबी फेहरिस्त है, उनके इस दावे ने भारत में हलचल मचा दी है।